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जिलाधिकारी, आमदार, एसडीओ, तहसीलदार, मुख्याधिकारी को दिया निवेदन..
30 जुलाई, प्रतिनिधि।
गोंदिया: गोंदिया नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत विकास से कोसों दूर छोटा गोंदिया में नगर परिषद प्रशासक राज में अपनी मनमानी करते हुए सत्ताधारी नेताओं के दबाव में पांगोली नदी किनारे जो कि तीन जगह से बहती है, वही महाकाल मंदिर है, जहां प्रतिदिन सैकड़ो भावीक पूजा अर्चना करने के लिए जाते हैं। इस परिसर में 500 मीटर के अंदर डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर का पवित्र अस्थि कलश विराजमान है जहां पर 6 दिसंबर को हजारों बाबा साहब के अनुयायी एकत्रित होते हैं। जिसे शासन द्वारा तीर्थ क्षेत्र का दर्जा भी दिया गया है। जिसके लिए करोड़ों रुपए की राशि प्रशासन द्वारा खर्च की जा रही है।
वही मोक्षधाम भी है, जिसमें छोटा गोंदिया, गोविंदपुर, संजय नगर में रहने वाले हर समाज के व्यक्ति मृत्यु के पश्चात अंतिम क्रिया इसी मोक्षधाम में की जाती है।
छोटा गोंदिया में बनने जा रहे डंपिंग यार्ड के समीप कुछ अंतराल पर प्रोगेसिव स्कूल, गोंदिया पब्लिक स्कूल, विवेक मंदिर स्कूल, डिफार्म कालेज है, जहां पर सैकड़ो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
नदी परिसर होने से जमीन कृषि कार्य के लिए उपयोगी होने के कारण परिसर के लोग अपनी जगह पर फलों के बाग के साथ ही बड़ी मात्रा में कृषि कार्य करते हुए साल में दो बार फसल लगाकर अनाज का उत्पादन कर अपने परिवार का उदर निर्वाह भी कर रहे हैं। बनने जा रहा है डंपिंग यार्ड से 1 किलोमीटर के अंतराल पर जिलाधिकारी कार्यालय, जिला परिषद व पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी है।
नदी परिसर होने से और खुला हुआ वातावरण पेड़ पौधों की अधिकता के कारण परिसर के नागरिक बड़ी मात्रा में सुबह-शाम पांगोली
नदी के किनारे अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए प्रतिदिन घूमने जाते हैं वह व्यायाम करते हैं। किंतु जब से छोटा गोंदिया के निवासियों को डंपिंग यार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है तब से नगर पालिका प्रशासन वह डंपिंग यार्ड के पक्ष में जो नेता हैं उनके प्रति असंतोष की भावना निर्माण हो रही है। जिसको देखते हुए छोटा गोंदिया के जागरूक लोगों का एक सिस्ट मंडल नगर परिषद के मुख्य अधिकारी, जिलाधिकारी गोंदिया, गोंदिया विधानसभा के विधायक विनोद अग्रवाल, पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, गोंदिया की उप विभागीय अधिकारी पाटिल मैडम ,अप्पर तहसीलदार सोनवाने के कार्यालय पहुंचकर छोटा गोंदिया में प्रशासन द्वारा कचरा प्रोसेसिंग सेंटर (डंपिंग यार्ड) बनाए जाने की योजना का तीव्र विरोध किया। और उन्हें छोटा गोंदिया वासीयो के स्वास्थ्य के प्रति भविष्य में होने वाली दिक्कतों से अवगत कराया और कहा कि यदि डंपिंग यार्ड बनता है तो आने वाले समय में छोटा गोंदिया परिसर के हर घर में डंपिंग यार्ड के कारण विभिन्न प्रकार के रोगों का प्रादुर्भाव बढ़ेगा। और परिसर के लोग ज्यादा बीमार होंगे। डंपिंग यार्ड के कारण नदी किनारे लोग घूमने नहीं जा सकेंगे, महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करने नहीं जा पाएंगे, छोटा गोंदिया गोविंदपुर संजय नगर में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने के पश्चात अंतिम क्रिया के लिए लोग गंदगी के कारण वहां नहीं जा पाएंगे, क्षेत्र के रहवासी कृषि कार्य करने में असमर्थ रहेंगे। परिसर की स्कूलों में धीरे-धीरे पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हो जाएगी और स्कूलों को ताला लगाने की नौबत आ जाएगी।
डंपिंग यार्ड के कारण छोटा गोंदिया परिसर का विकास रुक जाएगा। कोई भी नए व्यक्ति जमीन व प्लाट लेने या किसी भी प्रकार के उद्योग धंधे छोटा गोंदिया परिसर में नहीं लगाएगा। डंपिंग यार्ड के कारण आजू-बाजू के लोग अपना मकान बेचकर जाने पर मजबूर हो जाएंगे। जिसके लिए 10 हजार से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्र के नागरिक बिलकुल भी तैयार नहीं है। और प्रशासन की इस योजना का विरोध करते हैं।
इस योजना को जो भी नेता जबरदस्ती पांगोली नदी परिसर में लगाने के पक्ष में रहेंगा। छोटा गोंदिया क्षेत्र की जनता उस राजनेतिक नेता का विरोध करेगी चाहे वह किसी भी पक्ष का क्यों ना हो?
सिस्ट मंडल द्वारा निवेदन देते समय यह चेतावनी दी गई और कहा कि किसी भी हाल में छोटा गोंदिया परिसर में डंपिंग यार्ड बनने नहीं देंगे ।
निवेदन देते समय छोटा गोंदिया परिसर के दिलीप बिसेन, नरेंद्र सनवारे, तेजराम जी भगत पोमेंद जी पटले,मुकेश कुमार मिश्रा, गुड्डू बिसेन, श्यामभाऊ चौरे, गणेश पटले, पूर्व पार्षद विनोद पंधरे,पूर्व पार्षद विष्णु नागरीकर, पूर्व पार्षद राजेश बघेल ,राजू बिसेन, प्रवेश बिसेन, राजेश वाढईकर, शोभेलाल पटले, धनेंद्र भूरले, सविताताई बेदरकर, अनिल शरनागत,संतोष पटले, सतीश गलोले, राजू पंडितकर, सेवकराम जी कड़व ,विदेश ऊके, उमेश शुक्ला, कमलेश हरिनखेड़े,कारूभाऊ बिसेन, रामप्रसाद कावडे, संदीप बिसेन, पप्पू शेंडे,किसन भगत, राजू तुरकर, आदि छोटा गोंदिया परिसर के नागरिक उपस्थित थे।